रजिस्ट्री सं. डी.एल.—33004/99 REGISTERED NO. DL-33004/99
भारत का राजपत्र
The Gazette of India
असाधारण
EXTRAORDINARY
भाग II—खण्ड 3—उप-खण्ड (ii)
PART II—Section 3—Sub-section (ii)
प्राधिकार से प्रकाशित
PUBLISHED BY AUTHORITY
वित्त मंत्रालय
(आर्थिक कार्य विभाग)
अधिसूचना
नई दिल्ली, 8 नवम्बर, 2016
का.अ. 3407(अ).—भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बोर्ड (जिसे इसमें इसके पश्चात् बोर्ड कहा गया है) ने सिफारिश की है कि विद्यमान शृंखलाओं के पांच सौ रुपए और एक हजार रुपए के अंकित मूल्य के बैंक नोट (जिसे इसमें इसके पश्चात् विनिर्दिष्ट बैंक नोट कहा गया है) वैध मुद्रा नहीं रहेंगे;
और यह देखा गया है कि विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के जाली मुद्रा नोट अधिकांश रूप से परिचालन में हैं और वास्तविक बैंक नोटों की जाली बैंक नोटों से सरलता से पहचान करना कठिन है और जाली मुद्रा नोटों का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है;
और यह देखा गया है कि उच्च मूल्य के बैंक नोटों का उपयोग गणना में न लिए गए धन के भंडारण के लिए किया जाता है जैसा कि विधि प्रवर्तन अभिकरणों द्वारा नकदी की बड़ी वसूलियों से परिलक्षित है;
और यह भी देखा गया है कि जाली मुद्रा का उपयोग मादक पदार्थों का अवैध व्यापार और आतंकवाद जैसी ध्वंसकारी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है, जो देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नुकसान कारित कर रही हैं तथा केंद्रीय सरकार ने सम्यक् विचारण के पश्चात् बोर्ड की सिफारिशों को कार्यान्वित करने का विनिश्चय किया है;
अतः अब, केंद्रीय सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) (जिसे इसमें इसके पश्चात् उक्त अधिनियम कहा गया है) की धारा 26 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, घोषणा करती है कि विनिर्दिष्ट बैंक नोट 9 नवंबर, 2016 से नीचे विनिर्दिष्ट सीमा तक वैध मुद्रा के रूप में नहीं रहेंगे;
1.(1) बैंककारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 1949 (1949 का 10) के अधीन परिभाषित प्रत्येक बैंककारी कंपनी और प्रत्येक सरकारी खजाना 8 नवंबर, 2016 को कारबार की समाप्ति पर उसके द्वारा धृत्त विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के ब्यौरों को उपदर्शित करते हुए एक रिटर्न पूरा करेंगे और 10 नवंबर, 2016 को 13.00 बजे से पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (जिसे इसमें इसके पश्चात् रिजर्व बैंक कहा गया है) के अभिहित क्षेत्रीय कार्यालय को उसके द्वारा विनिर्दिष्ट प्रारूप में अग्रेषित करेगा।
(1)